प्रदूषण और सेहत



उम्र बढ़ती है, तो शरीर की जरूरतें भी बदलती हैं। बहुत से लोगों की सेहत संबंधी समस्याएं भी इसी के साथ बढ़ जाती हैं। जिनकी नहीं बढ़तीं, सावधानियां तो उन्हें भी बरतनी ही होती हैं। ऐसे में डॉक्टर कहते हैं कि सबसे जरूरी है, नियमित व्यायाम। मगर पकी उम्र में आप वे व्यायाम तो नहीं ही कर सकते, जो लड़कपन में कर लेते थे। न आप अखाड़े में दम आजमा सकते हैं, न फर्राटा भर सकते हैं और न ही रोज मैराथन में वक्त गुजार सकते हैं। ऐसे में सबसे बेहतर होता है, टहलना। सुरक्षित भी और भरोसेमंद भी। टहलने के लिए आपको बहुत ज्यादा चीजों की जरूरत भी नहीं होती। बस घर से निकलेऔर चल दिए। लेकिन एक समस्या है। जिस तरह से शहरों में प्रदूषण बढ़ रहा है, आप घर से निकलते हैं, तो कई तरह की समस्याएं आपको घेर लेती हैं। फिर भी लोग घर से निकलते हैं। उन्हें लगता है कि प्रदूषण की समस्या और खतरे तो हैं, लेकिन शरीर के लिए टहलने की वर्जिश उससे ज्यादा जरूरी है। पिछले दिनों वैज्ञानिकों ने जब प्रदूषित माहौल में वर्जिश करने वालों का अध्ययन किया, तो जो नतीजेनिकले, वे कुछ और कहते हैं। ऐसे में प्रदूषण तो आपके लिए समस्या पैदा करता ही है, साथ वह कसरत के फायदों को शरीर तकपहुंचने से भी रोक देता है।इसके लिए ब्रिटेन में 119 वरिष्ठ नागरिकों पर एक अध्ययनकिया गया। 60 साल की उम्र के ऊपर के इन लोगों में 40 पूरी तरह स्वस्थ लोग थे, 40 ऐसे थे, जिनके फेफड़ों की हालत लगभग स्थिर थी, बाकी 39 के साथ हृदय की समस्या थी। इन सभी लोगों को भारी ट्रैफिक के समय ऑक्सफोर्ड स्ट्रीट पर टहलाया गया। इस सड़क पर इसलिए कि यहां प्रदूषण काफी रहता है। निश्चित तौर पर वहां ऐसी सड़क ढूंढ़ना आसान नहीं रहा होगा। भारत जैसे देश के न जाने कितने शहरों की कितनी सड़कों पर उससे ज्यादा प्रदूषण मिल जाता है। इस प्रयोग में पाया गया कि सबकी सेहत पर प्रदूषण का असर तो पड़ा, लेकिन उन्हें टहलने का फायदा नहीं के बराबर ही मिला। फिर इन्हीं लोगों को जब कुछ दिनों तक लंदन के मशहूर हाईड पार्क में टहलाया गया, तो सभी की सेहत में महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिला। उन्होंने पाया कि प्रदूषित जगह पर टहलने से लोगों की धमनियां और मांसपेशियां बजाय लचीली होने के और कठोर हो गईं। वे इस नतीजे पर पहुंचे कि ऐसा शरीर में पहुंचने वाले कार्बन के काले और अन्य कणों की वजह से होता है। जब प्रदूषित इलाके में एक्सरसाइज करते हैं, तो आपको वहां ज्यादा सांस लेनी पड़ती है और ऐसे ज्यादा कण आपके शरीर में पहुंचते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि बेहतर यही है, आप अपनी वर्जिश प्रदूषण से दूर किसी पार्क जैसी ज्यादा सुरक्षित जगह पर करें।प्रदूषण कितनी तरह से हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाता है, यह हम अभी भी ठीक तरह से नहीं जानते हैं। कई अध्ययनों से टुकड़ों-टुकड़ों में इस तरह की बातें सामने आ रही हैं। आने वाले समय में ऐसे और भी बहुत से नुकसान हमें पता लगने वाले हैं। लेकिन एक बात साफ है कि यह प्रदूषण हमें किसी भी तरह से फायदा पहुंचाने नहीं जा रहा है। इससे होने वालेनुकसान हमें जरूर पता लगाने चाहिए, लेकिन उससे कहीं ज्यादा जरूरी है कि उससे मुक्ति के रास्ते भी समय रहते तलाश लें। इसकी सबसे ज्यादा जरूरत हमारे देश में है, जहांयह समस्या काफी ज्यादा, और लगभग हर उस शहर में है, जहां बड़ी आबादी रहती है। यह तो था प्रदूषण के वरिष्ठ नागरिकों पर असर का अध्ययन, कई दूसरे अध्ययन यह भी बता रहे हैं कि इसका बुरा असर अजन्मे बच्चों पर भी पड़ता है। भविष्य को बचाने के लिए इसे खत्म करना बहुत जरूरी है।
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