पृथ्वी की सही उम्र क्या है
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हेलो दोस्तों आज हम आपसे बात करने वाले हैं पृथ्वी की सही उम्र के बारे में और इसे कैसे प्राप्त किया इस बारे ।में तो चलिए शुरू करते हैं।
बीसवी सदी में पृथ्वी की सही उम्र पता करने के लिए दुनिया भर के वैज्ञानिक अलग-अलग तरीकों से पृथ्वी की सही उम्र निकालने में लगे हुए थे। कोई इसका जवाब बाइबिल में ढूंढ रहा था तो कोई पृथ्वी की पुरानी चट्टानों में ढूंढ रहा था पर सभी के जवाब एक दूसरे से मेल नहीं खा रहे थे। सभी के अकड़े 30हजार साल से 3 अरब साल तक थे।
वहीं दूसरी 1966 में ओर कैलिफोर्निया में जियो केमिस्ट क्लियर पैटरसन जिन्हें हम पेट नाम से भी जाना जाता है। एक नए तरीके से पृथ्वी की उम्र पता करने में लगे हुए थे ।
यह तकनीक थी रेडियो (एक्टिविटी )तो चलिए हम आपको इस तकनीक के बारे में बताते हैं ।आप किसी चट्टान के एक टुकड़े को लीजिए इस चट्टाने टुकड़े के कुछ ऐटम रेडियो एक्टिव हो सकती है।ं यांनी अपने आप टूट कर किसी और तत्व में बदल जाते हैं ।
यूरेनियम का एटम पहले थोरियम के एटम में बदलता है ।इसमें कुछ अरब साल लगते हैं ।थोरियम एक काफी आस्थिर तत्व है। यह महीने भर से भी कम समय में प्रोटेक्टेनियम मैं बदल जाता है ,एक ही मिनट बाद प्रोटेक्टेनियमन बदल कर कुछ और हो जाता है ।एटम के 10 और तरह के न्यूक्लियर बदलाव होते हैं तब जाकर इस बदलाव का सिलसिला खत्म होता है ।और एक स्थिर तत्व लेड बनता है ।लेड में कभी भी कोई बदलाव नहीं होता ।
तो अगर हम उस चट्टान में यूरेनियम और लेट की मात्रा पता करके यह पता कर पाए कि कितना यूरेनियम लेट में बदल गया तो हम उस चट्टान की उम्र पता कर सकते हैं
पर पैटरसन को इस तकनीक में भी एक समस्या का सामना करना पड़ा
पृथ्वी पर ही हुई उथल-पुथल के कारण पृथ्वी के जन्म की समय की कोई भी चट्टान पृथ्वी पर नहीं बची थी या तो वह टूट कर नई चट्टानों में बदल गई या एक दूसरे में मिलकर नई चट्टाने बन गई।
पर एक जगह है जहां आज भी पृथ्वी के जन्म के समय का सामान ऐसे ही पड़ा है वह जगह बृहस्पति और मंगल की कक्षाओं के बीच है यहां तैरती हुई एस्टरॉयड पृथ्वी के जन्म के समय ही बने थे। ऐसा ही एक छोटा सा एस्टरॉयड 10 लाख साल पहले काफी बड़े एस्टरॉयड से टकरा गया जिससे उसका रास्ता बदल गया और अब से करीब 50 हजार साल पहले वह पृथ्वी से टकराया उसके टकराने से जो गड्ढा बना उसे एरिजोना के नाम से जाने जाना जाता है।
यह गड्ढा बनाने वाले आयान से बने उस एस्टेरॉयड के टुकड़े के साबुत बच गए अगर हमें पता कर सकते की वह आयन कितना पहले बना था तो हम पृथ्वी की सही उम्र पता कर सकते थे।
ो क्लियर पैटरसन ने एरिजोना के गड्ढे से मिले आयन का एक टुकड़ा लिया और उसमें यूरेनियम और लेट की मात्रा पता करने में लग गए ।पैटरसन को यूरेनियम की मात्रा पता करने में ज्यादा समय नहीं लगा और उहोंने अयान के उस टुकड़े में यूरेनियम की ठीक ठीक मात्रा का पता लगा लिया
पर लेट के साथ ऐसा नहीं था लेड के नतीजों में उन्हीं क्रिस्टलों में मात्रा हर बार अलग आ रही थी यह बात यह बात पैटरसन को समझ में नहीं आई ।पैटरसन को लगा शायद लेब में किसी प्रयोग के बाद कुछ लेड बचा रह गया था या शायद आसपास कुदरती तौर पर इतना ज्यादा लेड मौजूद था जो उनके नतीजों पर असर डाल रहा था ।तो मौजूद लेट को साफ करने के लिए पैटरसन से जो बन पड़ा उन्होंने किया ।अब भी लेड की तादात सौ गुना ज्यादा थी ।
इसी उधेड़बुन में 2 साल से भी ज्यादा गुजर गये।पैटरसन को लगा अगर वह साजो-सामान को एसिड में उबाल लें और सारे केमिकल को शुद्ध कर लेंगे तो उनकी लैब में लैंड की ताकत कम हो जाएगी।
पर पेटरसन ने जितनी भी साफ सफाई की पर उनकी मुश्किल खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही थी।
तब जाकर उन्हें नए सिरे से अपनी खुद की लेब बनाने की जरूरत महसूस हुई ।पैटरसन को अब तक 6 साल हो गए थे।और वह इतने अरसे से अपने इंस्ट्रूमेंट पर असर डालने वाले लेट को खत्म करने में लगे थे ।तब जाकर अन्त में उन्होंने दुनिया का सबसे पहला अल्ट्रा क्लीन रूम तैयार किया अब जा कर वह पता कर सकते थे कि चट्टान में कितना लेड मोजूद था।
तो अब वह मौका आ गया था जब पैटरसन अयान बाली उल्का पिंड के जरिए पता लगा सकते थे कि हमारी पृथ्वी की सही उम्र क्या है। तो पैटरसन के अनुसार पृथ्वी उम्र 4.5 अरब साल थी। जो कि पृथ्वी की सही उम्र थी
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